Thursday 27 December 2012

                                                            samachar visfot Janury,2013


Thursday 6 December 2012

इंसाफ के लिए कोर्ट पहुंचे करगिल हीरो के पिता


चंडीगढ़। करगिल युद्ध के दौरान कैप्टन सौरभ कालिया व उनके 5 साथियों के साथ पाकिस्तानी सेना के कू्ररतापूर्ण, अमानवीय व्यवहार का केस अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। शहीद कैप्टन सौरभ को इंसाफ दिलाने के लिए 13 साल से लड़ रहे उनके रिटायर्ड वैज्ञानिक पिता एन. के. कालिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए गुहार लगाई है कि वह सरकार को इस मामले को अंतरराष्टÑीय न्यायायिक फोरम में उठाने का निर्देश दे। कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया है। याचिका में के डॉ. एन.के कालिया ने मांग की है कि विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय अंतरराष्टÑीय न्यायायिक फोरम से मांग करे कि वह कैप्टन कालिया पर पाकिस्तान में किए गए अत्याचार का खुलासा करे। डॉ. कालिया बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए रक्षा मंत्रालय, सेना मुख्यालय और पीएम आॅफिस के 13 सालों से चक्कर काट रहे हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान ने जिनीवा कन्वेंशन का उल्लंघन किया है। भारत सरकार इन शहीदों के साथ हुए अमानवीय व्यवहार को पाकिस्तान व अंतरराष्टÑीय स्तर पर उठाने

बूस्ट हो या कांप्लान... न बढेÞगा कद न बनेगी सेहत!


कांप्लान, बुस्ट, हार्लिक्स, ब्रिटानिया, न्यूट्रिलाइट आदि के प्रोडक्ट लोगों में पैदा कर रहें है भ्रम

देवांशु नारायण/पटना
इन दिनों टीवी और समाचार पत्रों में ऐसे विज्ञापनों की भरमार है जो लंबाई बढ़ाने के साथ ही कमजोर सेहत को मजबूत करने का दावा करते हैं। ऐसे दावे के साथ अपने उत्पादों को बेचने वालों की सूची में कई ब्रांडेड कंपनियां भी है। लेकिन इनके तमाम दावे झूठें हैं। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड आॅथारिटी आॅफ इंडिया ने भारत में बेंचे जा रहे उन सभी उत्पादों को महज भ्रामक और गलतफहमी बताया है, जिसमें बच्चों, महिलाओं, पुरुषों तथा वृद्धों के लिए लंबाई, ताकत, शरीर और स्वस्थता का दावा किया जाता है।
खाद्य सुरक्षा के लिए भारत सरकार की बनाई कई संस्थ फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड आॅथारिटी आॅफ इंडिया ने संविधान के धारा 24 के तहत फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड एक्ट 2006 तथा फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड रेगुलेशन 2011 के तहत जांच में पाया कि विभिन्न नेशनल तथा इंटर्नेशनल कंपनियों ने अपने-अपने विज्ञापन में जो कुछ भी दावा किया है वे झूठें है। आज परिवार की महिला अपने बच्चों को एनर्जी डिंक्स देना आवश्यक समक्षती हैं, लेकिन वो इस बात से बिलकुल अंजान हैं कि वो जो भी चीज बाजार से बच्चों के लिए खरीदकर ला रही हैं वो महज पैसा बर्बादी के अलावा कुछ भी नहीं। आॅथारिटी ने हर इस दावे का खंडन किया है जिसमें कंपनियां कहीं बच्चों को दुगने रफ्तार से बढ़ाने का दावा करती हैं, कहीं उनके ड्रिंक्स को पीने से बच्चों में तीन गुना ताकत आ जाती है। कुछ कंपनियां बच्चों को सबसे जल्दी लंबा, मजबूत  तथा तेज दिमाग करने का दावा करती हैं, आॅथरिटी की रिपोर्ट उनके दावों को झूठला रही है।
जांच में पता चला है कि खाने के तेल से बेसन तक में फर्जीवाड़ा है।
आॅथरिटी के अनुसार अनुसार इमामी हेल्दी एंड टेस्टी सोयाबीन तेल, सफोला, इंजन सरसो तेल तथा राजधानी बेसन ने कहीं आपके परिवार के दिल को सुरक्षित करते हुए लो फैट का दावा किया है, कहीं कोलेस्ट्रॉल की मात्रा शून्य बताई गई है इन सभी वादों को खारिज कर दिया गया है। बॉर्नबिटा लिटिल चैंप अपने विज्ञापन में प्रोडक्ट में डीएचए की मात्रा को बताया है, जो कि कंपनी द्वारा साबित नहीं की सकी।
इन कंपनियों के दावे गलत
इसके तहत कांप्लान मुंबई, बुस्ट गुड़गांव, हार्लिक्स गुड़गांव, सफोला मुंबई, ब्रिटानिया कोलकाता, बार्नबिटा मुंबई, टुडे प्रीमियम टी दिल्ली, इमामी हेल्दी एंड टेस्टी सोयाबीन तेल कोलकाता, केशर क्रिम बटर मुंबई और राजधानी बेसन दिल्ली आदि कंपनियों ने जो कुछ भी विज्ञापन में दिखाया है, प्रोडक्ट की जांच में ऐसा कुछ भी नहीं पाया गया है।
शुद्ध दूध दही ज्यादा उपयोगी : सामाजिक कार्यकर्ता और अशोका ट्रॉमा सेंटर हॉस्पिटल कंकड़बाग पटना के सीनियर मैनेजर अवधेश कुमार सिंह ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों को हमेशा शुद्ध दूध, दही और धी ही दें, इसमें बच्चों के लिए सभी जरूरी प्रोटीन, बिटामिन, वसा एवं कार्बोहाइड्रेट मौजूद होता है। उन्होंने बताया कि हमने इस संबंध में अनेक डॉक्टरों से बात की है, उनमें से किसी ने ऐसा नहीं बताया कि एनर्जी ड्रिंक्स पीने से बच्चों का विकास होता है। बस टेस्ट के लिए इन चीजों का प्रयोग किया जाता है।  श्री अवधेश का कहना है कि किसी भी विज्ञापने के झांसे में नहीं आयें, बल्कि बच्चों को खुद के बनाए गए व्यंजनों का ही आदत डालें। जिसका न तो कोई साइड इफेक्ट होता है न हीं यह किसी बीमारी को जन्म देता है। छत्तीसगढ़ रायपुर की आहार विशेषज्ञ डा. स्मृति वाजपेयी का कहना है कि हमें एनर्जी के लिए प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की जरुरत होती है, लेकिन जो कुछ भी जानकारी हम टीवी पर या अन्य माध्यम से प्राप्त करते हैं वैसा कुछ नहीं होता, हां थोड़ी एनर्जी जरुर होती है। वहीं आहार विशेषज्ञ डा. अनुभा झा का कहना है कि मीडिया में आने वाले विज्ञापन को सही नहीं कह सकते, क्योंकि ऐसे प्रोडक्ट्स सिर्फ संपूरक होते हैं जिसे मिलाकर दूध या अन्य किसी पदार्थ के साथ पीने से थोड़ी कैलौरी जरूर मिलती है। इस तरह के जांच भारत में होना चाहिए।
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संघर्ष
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लंदन। भूतिया कहानियों में जिस नर कंकाल का जिक्र आते ही दहशत की सीमा पार हो जाती है, क्या हकीकत में कोई उसके साथ रहना चाहेगा? सपने में भी यह सोचकर कोई सकपका सकता है। लेकिन स्वीडन में एक महिला ने न सिर्फ नर कंकाल को अपने पास रखा बल्कि उसके साथ सेक्स भी किया।
चौंका देने वाली इस घटना की तस्वीरें पुलिस ने जारी की है। इन तस्वीरों में महिला को गोथेनबर्ग स्थित अपने फ्लैट पर इस नर कंकाल के साथ शारीरिक संबंध बनाते हुए दिखाया गया है। महिला कंकाल को गले लगा रही है कई बार उसे जीभ से चाटते हुए भी दिखाया गया है।
ब्रिटिश टैब्लॉइड 'द सन' पर छपी खबर के मुताबिक, महिला को मरे हुए शख्स की शांति भंग करने का आरोपी बनाया गया है और दोषी पाए जाने पर दो साल की सजा हो सकती है। वकील ने बताया कि 37 साल की इस महिला ने छह खोपड़ी, एक रीढ़, कुछ हड्डियों को एक ड्रिल, बॉडी बैग और मुर्दाघर की तस्वीरों के साथ सीक्रेट कम्पार्टमेंट में रखा था। सितंबर में महिला की गिरफ्तारी के बाद उसके अपार्टमेंट से नर कंकाल के साथ अंतरंग तस्वीरें और साथ ही दो सीडी जिनमें से एक पर माय नेक्रोफीलिया (मृत शरीर के साथ लगातार होने वाले सेक्स का आकर्षण) और माय फर्स्ट एक्सपीरिएंस लिखा था।
बताया जाता है कि इंटरनेट फोरम पर महिला ने एक बार लिखा-मेरी नैतिकता मेरी सीमाओं को तय करती है और इसके लिए मैं सजा के लिए तैयार हूं। मैं अपने पुरुष को इस तरह देखना चाहती हैं, चाहे वह मृत हो या जीवित। यह (मानव कंकाल) मुझे सेक्शुअल खुशी पाने की स्वतंत्रता देता है। सरकारी वकील ने बताया कि महिला ने कंकाल के ढांचे को बेहद ही शर्मनाक और अनैतिक ढंग से रखा था, जबकि बचाव पक्ष ने नर कंकाल रखने की बात तो स्वीकार की है लेकिन उनके साथ किसी तरह कि बुरे बर्ताव की बात नहीं मानी है।
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कंकाल के साथ सेक्स करते गिरफ्तार

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लंदन। भूतिया कहानियों में जिस नर कंकाल का जिक्र आते ही दहशत की सीमा पार हो जाती है, क्या हकीकत में कोई उसके साथ रहना चाहेगा? सपने में भी यह सोचकर कोई सकपका सकता है। लेकिन स्वीडन में एक महिला ने न सिर्फ नर कंकाल को अपने पास रखा बल्कि उसके साथ सेक्स भी किया।
चौंका देने वाली इस घटना की तस्वीरें पुलिस ने जारी की है। इन तस्वीरों में महिला को गोथेनबर्ग स्थित अपने फ्लैट पर इस नर कंकाल के साथ शारीरिक संबंध बनाते हुए दिखाया गया है। महिला कंकाल को गले लगा रही है कई बार उसे जीभ से चाटते हुए भी दिखाया गया है।
ब्रिटिश टैब्लॉइड 'द सन' पर छपी खबर के मुताबिक, महिला को मरे हुए शख्स की शांति भंग करने का आरोपी बनाया गया है और दोषी पाए जाने पर दो साल की सजा हो सकती है। वकील ने बताया कि 37 साल की इस महिला ने छह खोपड़ी, एक रीढ़, कुछ हड्डियों को एक ड्रिल, बॉडी बैग और मुर्दाघर की तस्वीरों के साथ सीक्रेट कम्पार्टमेंट में रखा था। सितंबर में महिला की गिरफ्तारी के बाद उसके अपार्टमेंट से नर कंकाल के साथ अंतरंग तस्वीरें और साथ ही दो सीडी जिनमें से एक पर माय नेक्रोफीलिया (मृत शरीर के साथ लगातार होने वाले सेक्स का आकर्षण) और माय फर्स्ट एक्सपीरिएंस लिखा था।
बताया जाता है कि इंटरनेट फोरम पर महिला ने एक बार लिखा-मेरी नैतिकता मेरी सीमाओं को तय करती है और इसके लिए मैं सजा के लिए तैयार हूं। मैं अपने पुरुष को इस तरह देखना चाहती हैं, चाहे वह मृत हो या जीवित। यह (मानव कंकाल) मुझे सेक्शुअल खुशी पाने की स्वतंत्रता देता है। सरकारी वकील ने बताया कि महिला ने कंकाल के ढांचे को बेहद ही शर्मनाक और अनैतिक ढंग से रखा था, जबकि बचाव पक्ष ने नर कंकाल रखने की बात तो स्वीकार की है लेकिन उनके साथ किसी तरह कि बुरे बर्ताव की बात नहीं मानी है।
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